नई दिल्ली: तुर्किये में भूकंप से मची तबाही का मंजर ऐसा है। जिधर देखो, चारो तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है। क्योंकि घरों से लेकर ऊंची-ऊंची इमारतें तक जमीजोद हो गईं। तुर्किये में लगातार बढ़ते झटको को देखते हुए। भारत सरकार ने तुर्किये की मदद करने का फैसला किया और मदद व बचाव के लिए, 5 महिला कर्मियों और 4 सदस्यीय कुत्ते दस्ते सहित 101 सदस्यीय NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) के बचावकर्ता मंगलवार को तुर्किये पहुंचे।
NDRF के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि, कोलकाता में NDRF की दूसरी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर गुरमिंदर सिंह के नेतृत्व में 101 बचावकर्मियों का पूरा दल तुर्की में भारतीय दूतावास और स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों के अनुसार समन्वित तरीके से अपना अभियान शुरू करेगा।
6 फरवरी को तुर्किये और सीरिया में 7.8 तीव्रता का एक भीषण भूकंप आया, जिसके कारण घरों से लकेर ऊंची-ऊंची इमारतें मलबे में बदल गईं, इस आपदा में महिलाओं, बच्चों और पुरुषों सहित 4 हाजर से अधिक लोग मारे गए।
कैसी है? तुर्किये पहुंची NDRF की टीम
भारत सरकार ने संकट के इस समय में तुर्किये को हर जरूरी मदद देने का फैसला किया है। भारत की ओर से तुर्किये में राहत-बचाव के लिए दो टीमें पहुंची हैं, उसमें पांच महिला कर्मियों सहित 51 बचाव दल के साथ एक टीम और एक कैनाइन दस्ता तुर्किये पहुंचा।
NDRF की दोनों टीमों के साथ कुछ वाहन भी भेजे गए हैं। क्योंकि, इन हालातों में तुर्किये के लिए भारती टीम को वाहन प्रदान करना एक बड़ी समस्या हो सकती थी। इसलिए भारती NDRF अपने साथ अपने वाहन लेकर वहां पहुंचे हैं। इस टीम में एक डॉक्टर है जो टीम और बचाव दल की देखभाल के लिए साथ पहुंचे हैं। इसके अलावा, NDRF के सभी बचावकर्मियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान कराने के लिए सभी प्रशिक्षित हैं। ताकि, बचाए गए लोगों को अस्पताल भेजे जाने से पहले प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करा सकें।