कब और किस वित्त मंत्री ने पेश किया पहला और आखिरी अंतरिम बजट, क्या रहीं अहम घोषणाएं?

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नई दिल्ली/डेस्क: बजट किसी भी देश में एक महत्वपूर्ण आर्थिक दस्तावेज है जो एक निश्चित अवधि के लिए आम लोगों और सरकारी विभागों के बीच आर्थिक गतिविधियों को निर्धारित करता है। अंतरिम बजट वह बजट होता है जो नई सरकार के गठन से पहले पेश किया जाता है।

यह एक समयबद्ध बजट है जो नई सरकार को अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए समय देता है। इसमें बड़े निर्णय और नीतिगत घोषणाएं शामिल नहीं हैं, लेकिन सामान्य आर्थिक योजना को जारी रखने का कार्य करता है।

भारतीय संविधान के मुताबिक अंतरिम बजट को वोट ऑन अकाउंट भी कहा जाता है। यह बजट नई सरकार द्वारा नहीं बल्कि वर्तमान सरकार द्वारा प्रस्तुत किया जाता है ताकि आने वाली सरकार को अपनी आर्थिक योजनाएँ बनाने के लिए समय मिल सके।

पहला अंतरिम बजट कब और किस वित्त मंत्री ने पेश किया था?

पहला अंतरिम बजट 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर. के. शन्मुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था। बजट में कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं शामिल थीं जिसमें सरकार के नए गठन के लिए धनराशि का आवंटन और विभाजन से संबंधित खर्चों को शामिल किया गया था। यह बजट स्वतंत्र भारत की वित्तीय नीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रखता है।

पिछला अंतरिम बजट कब और किस वित्त मंत्री ने पेश किया था?

पिछला अंतरिम बजट 2019 में वित्त मंत्री पीयूष गोयल द्वारा पेश किया गया था, जिन्हें वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को 2024 से 2025 तक का अंतरिम बजट पेश करेंगी।

पिछले अंतरिम बजट की अहम घोषणाएं

आयकर राहत: अंतरिम बजट में मध्यम वर्ग के लिए प्रमुख आयकर राहत की पेशकश की गई, जिसमें आयकर छूट सीमा को बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर दिया गया।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना: इस बजट ने पीएम-किसान योजना की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य 2 हेक्टेयर तक खेती करने वाले किसान परिवारों को सीधी आय सहायता प्रदान करना था, जिसमें उनके बैंक खातों में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये की राशि जमा की जाती है।

असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए पेंशन: बजट ने असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक 3,000 रुपये की पेंशन की भी घोषणा की थी।

इसके अलावा, अंतरिम बजट में अन्य फैसले भी लिए गए थे जैसे कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में आयकर राहत, नए राष्ट्रीय विकास योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए कर्ज माफी योजना और अन्य योजनाएं शामिल थीं।

लेखक: करन शर्मा