Narayana Sakkara Hari: हाथरस की घटना पर नारायण हरि साकार ने कहा कि वो बहुत अवसाद में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि होनी को कौन टाल सकता है। नारायण हरि सरकार (Narayana Sakkara Hari) ने कहा, “हम 2 जुलाई की घटना के बाद से बहुत ही अवसाद से ग्रसित हैं। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है.जो आया है उसे एक दिन जाना ही है। भले कोई आगे पीछे हो।” बता दें कि हाथरस में सत्संग के दौरान मचे भगदड़ में 2 जुलाई को 121 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
घटना पर नारायण हरि साकार ने क्या कहा?
घटना पर नारायण हरि साकार ने कहा, “हमने अपने वकील डॉ. एपी सिंह के माध्यम से कमेटी के महापुरुषों से भी ये विनती की थी कि दिवगंत आत्माओं के परिजनों और इलाजरत घायलों के साथ जीवन पर्यंत तन मन धन से खड़े रहने की बात कही। जिसे सभी ने माना। हम उन्हें धन्यवाद प्रेषित करते हैं।” नारायण हरि साकार ने कहा कि वे चिकित्सकों के परामर्श के मुताबिक, स्वास्थ्य लाभ के लिए अपनी निजी प्रवास बहादूर नगर में है।
कौन हैं सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि?
सूरज पाल उर्फ बाबा साकार हरि एक विवादित संत हैं, जिनका उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से पुराना नाता है। बाबा साकार हरि का असली नाम नारायण साकर हरि है और वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के एक प्रसिद्ध संत हैं। उनकी पहचान एक सफेद सूट और टाई पहने हुए आध्यात्मिक गुरु के रूप में है, जो भक्तों को भौतिकवाद से ऊपर उठने और ईश्वर की भक्ति को अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।
बाबा का विवादित इतिहास
बाबा साकार हरि का अतीत काफी विवादित है। बाबा सूरज पाल पर यौन शोषण समेत पांच अन्य गंभीर मुकदमों का आरोपी है। मिली जानकारी के अनुसार, 28 साल पहले जब वह उत्तर प्रदेश पुलिस में हेड कांस्टेबल की नौकरी कर रहे थे, तब उन पर बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस कारण उन्हें पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में, जेल से छूटने के बाद, उन्होंने अपना नाम और पहचान बदलकर संत का रूप धारण कर लिया और सत्संग आयोजित करने लगे।
लेखक: रंजना कुमारी