Maharashtra Assembly Elections: MVA में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन? शरद पवार बड़ा बयान- ‘जनता चाहती है बदलाव’

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Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं. जिसको लेकर सभी पार्टियां जनता के दिल में उतरने का हर संभव प्रयास कर रही हैं, तो वहीं नेताओं के द्वारा दिए गए बयान भी इस समय काफी मायने रख रहे हैं. विधानसभा चुनाव के मध्यनजर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कई अहम मुद्दों पर खुलकर बात की.

पवार ने माना कि पिछले लोकसभा चुनाव में महा विकास आघाड़ी (MVA) की शानदार जीत के बाद मिली रफ्तार को महायुति सरकार की नई पॉपुलिस्ट योजनाओं ने थोड़ा कमजोर किया है. बता दें कि लोकसभा चुनाव में एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे विपक्षी दलों को मजबूत बढ़त मिली थी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि महाराष्ट्र की जनता बदलाव चाहती है. और इस चुनाव में लोगों की यही भावना महा विकास आघाड़ी को बहुमत दिलाने में मदद करेगी.

मोदी सरकार पर पवार का निशाना

शरद पवार ने लोकसभा चुनावों की पृष्ठभूमि पर बात करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत पाने की कोशिश में थे, लेकिन संविधान में बदलाव के मुद्दे और अल्पसंख्यकों के प्रति उनके रुख ने जनता को नाखुश किया. परिणामस्वरूप, एमवीए को उस चुनाव में बड़ी जीत हासिल हुई थी और यही भावना विधानसभा चुनावों में भी असर डाल सकती है.

सरकारी योजनाओं और महंगाई पर जनता की नाराजगी

पवार ने बताया कि सरकार ने “लड़की बहिन” जैसी योजनाओं से जनता को लुभाने की कोशिश की है. परंतु, उन्होंने ग्रामीण इलाकों में यात्रा के दौरान कई महिलाओं से बातचीत की, जिन्होंने उन्हें बताया कि उन्हें आर्थिक मदद तो मिल रही है, लेकिन बढ़ती महंगाई ने उनके खर्चे और ज्यादा बढ़ा दिए हैं. महिलाओं का कहना है कि सरकार एक हाथ से पैसा दे रही है और दूसरे हाथ से महंगाई के जरिए ले रही है.

MVA में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन?

शरद पवार ने स्पष्ट किया कि एमवीए ने अभी मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर कोई फैसला नहीं किया है. चुनाव में जीत के बाद, जो पार्टी सबसे ज्यादा सीटें लाएगी, वही मुख्यमंत्री का चयन करेगी.

एजेंसियों के दुरुपयोग पर बड़ा आरोप

शरद पवार ने ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि इन एजेंसियों का विपक्ष पर दबाव बनाने के लिए उपयोग किया जा रहा है. पवार ने बताया कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले जब भी सरकार पर कोई टिप्पणी करती हैं, तो उनके पति को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेज दिया जाता है. पवार ने इसे चुनाव में एजेंसियों का सबसे अधिक दुरुपयोग बताया.

किसानों की समस्याओं पर पवार का समर्थन

वहीं, केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए पवार ने कहा कि कपास, सोयाबीन और गन्ना किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहे हैं. उनकी लागत भी पूरी नहीं हो रही है, जिससे किसान परेशान हैं. उन्होंने कहा कि इन फसलों के किसानों को राहत नहीं मिल रही है, और यह उनके लिए बड़ा संकट है.

बीजेपी के नेताओं की ‘वोट जिहाद’ टिप्पणी पर पलटवार

शरद पवार ने बीजेपी नेताओं द्वारा मुस्लिम समुदाय पर ‘वोट जिहाद’ जैसे आरोपों की निंदा की. उन्होंने इसे सत्ताधारी दल की सांप्रदायिक सोच का उदाहरण बताया. पवार ने कहा कि पिछले चुनाव में कुछ बीजेपी नेताओं ने संविधान में बदलाव की बात कही थी, जो उनकी असल सोच को दर्शाता है.

शरद पवार का मानना है कि जनता की बदलाव की चाहत, महंगाई से जुड़ी समस्याएं, और केंद्र सरकार की किसानों के प्रति उदासीनता महा विकास आघाड़ी के पक्ष में जा सकती हैं. और इन मुद्दों के चलते ही एमवीए आगामी विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.