कौन है वो ‘तमिल बाबू’ जिसको पटनायक चुनेंगे ओडिशा का अगला सीएम? आखिर क्यों भड़क गए शाह!

Published
V K Pandian
V K Pandian

नई दिल्ली/डेस्क: लोकसभा चुनाव के बीच प्रचार-प्रसार का दौर जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज चुनाव प्रचार के लिए ओडिशा पहुचें थे. वहां उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित भी किया. लेकिन गृह मंत्री शाह ने अपने संबोधन में ऐसा कुछ कह दिया जिसने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक और उनकी पार्टी बीजू जनता दल पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

खबर में खास
  • ओडिशा में गरजे शाह
  • CM तमिल को सौंप देंगे ओडिशा ?
  • वी के पांडियन की कहानी
  • 2007 में हुई मुलाकात
  • वी के पांडियन के इशारों पर चलते हैं सीएम पटनायक?
ओडिशा में गरजे शाह

दरअसल, विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा “ओडिशा ने अपने स्वाभिमान के लिए सम्राट अशोक के साथ युद्ध किया था, ओडियावासी मर गए लेकिन झुके नहीं. आज नवीन बाबू, ओडिशा पर एक तमिल मुख्यमंत्री थोपने का काम कर रहे हैं. नवीन बाबू आपको तो सहन कर लिया लेकिन आपके नाम पर तमिल बाबू हम सहन नहीं करेंगे.”

CM तमिल को सौंप देंगे ओडिशा ?

अब इस बात के कई मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन जो एक सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है वो यह है कि आखिर कौन है वो ‘तमील बाबू’ जिसकी तरफ अमित शाह इशारा कर रहे हैं. आखिर कौन है वो तमिल शक्स जिसको सीएम पटनायक अपनी जगह सौंप सकते हैं?

वी के पांडियन की कहानी

विधानसभा चुनाव के बीच ओडिशा में वी के पांडियन का नाम खूब चर्चा में है. अपने संबोधन में गृह मंत्री अमित शाह वी के पांडियन को ही ‘तमिल बाबू’ कह कर संबोधित कर रहे हैं. आपको बता दें कि वी के पांडियन तमिलनाडु में जन्मे और एक आईएएस अधिकारी थे. लेकिन सिर्फ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और बीजू जनता दल के साथ काम करने के लिए वी के ने आईएएस की नौकरी छोड़ दी. इतना ही नहीं, वी के पांडियन को सीएम पटनायक का बेहद करीबी माना जाता है और उनका नाम पार्टी के 40 स्टार कैंपेनर की लिस्ट में भी शामिल है.

2007 में हुई मुलाकात

खबरों की मानें तो वी के पांडियन अंग्रेजी, उडिया के अलावा तमिल और हिन्दी बहुत अच्छी तरह से बोलना जानते हैं. 2007 में पांडियन को डीएम के पद पर गंजम में नियुक्त किया गया. बता दें कि गंजम ही सीएम पटनायक का गृह नगर है. यहां वी के अपने शानदार कार्यशैली और कई अच्छे फैसलों की वजह से सीएम पटनायक के नज़र में आए. इतना ही नहीं, यहीं से वी के सीएम पटनायक के विश्वासपात्र नौकरशाहों में शामिल हो गए. बस इसके ही बाद से पांडियन को 2011 में सीधे सीएम के मुख्यमंत्री कार्यालय में पोस्टिंग हुई जिसके बाद से ही वी के सीएम पटनायक के करीबी और निजी सचिव बन गए.

वी के पांडियन के इशारों पर चलते हैं सीएम पटनायक?

अब ओडिशा विधानसभा चुनाव के बीच वी के पांडियन और सीएम पटनायक पर बीजेपी लगातार वार करती नज़र आ रही है. कभी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान यह कहते हैं कि सीएम पटनायक वी के पांडियन के इशारों पर चलते है तो कभी वी के पटनायक बीजेपी को करार जवाब देते नज़र आते हैं और कहते हैं कि सीएम पटनायक अगर इस बार सीएम नहीं बनते तो वो हमेशा के लिए राजनीति से संयास ले लेंगे.

अब सीएम पटनायक वी के पांडियन को अपना उत्ताधिकारी बनाते हैं, ओडिशा का अगला सीएम बनाते हैं या फिर बीजेपी इस चुनावी रेस में अपना झंडा फहराती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.

-वेदिका प्रदीप

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *