नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे की जांच में किसे जिम्मेदार बताया गया?

Published

नई दिल्ली/डेस्क: बिहार के बक्सर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण रेल हादसे के पीछे की वजह अब सामने आ चुकी है। रेलवे की सात सदस्यीय टीम द्वारा की गई जांच में पाया गया कि हादसे के पीछे रेलवे ट्रैक में खराबी का बड़ा हिस्सा जिम्मेदार था।

जांच रिपोर्ट के मुताबिक, दुर्भाग्यपूर्ण घटना के समय ट्रेन 112 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही थी। ऐसा इसलिए भी हुआ क्योंकि एक्सीडेंट के दौरान ट्रेन का स्पीडोमीटर इसी रीडिंग पर अटक गया था।

रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन ने हावड़ा की ओर जाने के लिए ट्रेन को ग्रीन सिग्नल दिया था, लेकिन रघुनाथपुर स्टेशन से पहले एक रेलवे क्रॉसिंग पर लोको-पायलट को भारी कंपन महसूस हुआ, जिससे ट्रेन के इंजन पर दबाव कम हो गया।

जांच अधिकारियों का कहना है कि जहां ट्रेन सबसे पहले पटरी से उतरी थी, वहां से लेकर आगे कुछ दूरी तक रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त मिला है।

दुर्भाग्यवश, हादसे में चार यात्री मौके पर बच नहीं सके और 60 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हादसे में रेलवे को 52 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।

लोको-पायलट विपिन कुमार सिन्हा ने बताया कि जैसे ही उन्होंने रेलवे क्रॉसिंग को पार किया, उन्हें लोको-इंजन में भारी कंपन महसूस हुआ, जिसके बाद ट्रेन के इंजन के ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन पटरी से उतर गई।

इस हादसे के पीछे रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से सबको सतर्क रहने की आवश्यकता है और सुरक्षित रेलयात्रा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है।

लेखक: करन शर्मा

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *