कौन थी पद्मश्री विजेता कमला पुजारी ? जिनके मृत्यु पर पीएम मोदी ने जताया दुःख, पढ़ें पूरी खबर विस्तार से !

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Kamla Pujari: कृषि के क्षेत्र में जैविक खेती में अपने योगदान और धान की सैकड़ों देशी किस्मों को संरक्षित करने के लिए दुनिया भर में अपनी पहचान बनानेवाली कमला पुजारी का कल निधन हो गया। वे 76 वर्ष की थीं। उन्हें कृषि के क्षेत्र में इस योगदान के लिए पद्मक्षी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

कौन थी कमला पुजारी ?

कमला पुजारी एक प्रसिद्ध नाटककार और लेखिका हैं जिनका जन्म ओडिशा के कोरापुट में जन्म हुआ था। कमला पुजारी ने भारतीय नाट्यशास्त्र के क्षेत्र में अपनी अद्वितीय पहचान बनाई है। उन्होंने अपनी लेखनी से समाजिक, राजनीतिक और मानवीय मुद्दों पर गहरा अध्ययन किया है और अपने नाटकों में इन मुद्दों को साहित्यिक रूप से प्रस्तुत किया है।

धान की कई किस्मों पर कमला पुजारी ने किया था रिसर्च

कमला पुजारी एक गरीब आदिवासी परिवार में जन्मी थी जिनको पारंपरिक धान की किस्मों से बहुत लगाव था। वह 1994 में कोरापुट में एम.एस. स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन द्वारा शुरू किए गए सहभागी शोध कार्यक्रम की अगुआ रही हैं, जिसके कारण उच्च उपज और उच्च गुणवत्ता वाली चावल की किस्म ‘कालाजीरा’ का प्रजनन हुआ। उन्होंने ‘तिली’, ‘मचाकांटा’, ‘फुला’ और ‘घनटिया’ जैसी दुर्लभ धान की किस्मों को भी संरक्षित किया है।

जैविक खेती के लिए लोगों को किया प्रेरित

कमला पुजारी ने अपने इलाके की सैकड़ों आदिवासी महिलाओं को खेती में रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महिलाओं को जैविक खेती और जैविक उर्वरकों के उपयोग के बारे में सिखाया। यह उनके प्रयासों का नतीजा था कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) ने 2012 में कोरापुट को वैश्विक रूप से महत्वपूर्ण कृषि विरासत स्थल (जीआईएएचएस) घोषित किया।

मृत्यु पर पीएम मोदी ने जताया दुःख

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “श्रीमती के निधन से दुख हुआ। कमला पुजारी जी. उन्होंने कृषि में उल्लेखनीय योगदान दिया, विशेष रूप से जैविक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और स्वदेशी बीजों की रक्षा करने में। स्थिरता को समृद्ध करने और जैव विविधता की रक्षा करने में उनके काम को वर्षों तक याद किया जाएगा। वह आदिवासी समुदायों को सशक्त बनाने में भी एक प्रकाशस्तंभ थीं। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं। शांति।”

लेखक – आयुष राज