वायनाड त्रासदी को क्यों नहीं किया जा सकता राष्ट्रीय आपदा घोषित? जानें, बड़ी वजह

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Wayanad Landslide Tragedy: 30 जुलाई को केरल के वायनाड में कई जगहों पर भारी भूस्खलन हुआ। जिसकी चपेट में आने से कुछ गांव पूरी तरह से तबाह हो गए। भूस्खलन की घटना में कई लोगों ने अपने पूरे परिवार तक को खो दिया है। इस आपदा में 300 से ज्यादा लोगों को मौत हो गई। इस प्राकृतिक आपदा को राहुल गांधी ने केंद्र से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की। साथ ही राहुल गांधी ने इस भूस्खलन को राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व ‘भयानक त्रासदी’ बताया।

कांग्रेस की मांग पर BJP ने उठाया सवाल

लेकिन अब इस मांग को लेकर कई तहर के सवाल खड़े होने लगे हैं। जिसको लेकर भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने मुल्लापल्ली रामचंद्रन का 6 अगस्त 2013 को संसद में दिए गए एक बयान को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर करीब 5 दिन पहले शेयर भी किया है। इस पोस्ट में वी मुरलीधरन ने कहा है, केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के तहत राष्ट्रीय आपदा की अवधारणा मौजूद नहीं है, यह तथ्य यूपीए सरकार के कार्यकाल से ही रहा है।

वायनाड भूस्खलन होगा राष्ट्रीय आपदा घोषित?

बता दें, तत्कालीन गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन के 2013 के लोकसभा जवाब के अनुसार, “प्राकृतिक आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई प्रावधान नहीं है।” साथ ही इसमें यह भी उल्लेखित है कि “भारत सरकार एक गंभीर प्रकृति की आपदा का मूल्यांकन केस-दर-केस आधार पर करती है, जिसमें आपदा की तीव्रता और मात्रा, राहत सहायता का स्तर, राज्य सरकार की समस्या को संभालने की क्षमता, उपलब्ध वैकल्पिक उपाय और योजना में राहत और सहायता प्रदान करने की लचीलापन आदि को ध्यान में रखा जाता है।

प्राथमिकता प्राकृतिक आपदा के संदर्भ में तात्कालिक राहत और प्रतिक्रिया सहायता है। इस प्रकार, कोई निर्धारित मानक नहीं होते हैं। हालांकि, ‘गंभीर प्रकृति’ की आपदा के लिए, स्थापित प्रक्रिया का पालन करने के बाद, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (NDRF) से अतिरिक्त सहायता भी विचार में लाई जाती है। इसी के साथ इसमें यह भी कहा गया है कि संबंधित राज्य सरकारें प्राकृतिक आपदाओं के बाद आवश्यक बचाव और राहत उपायों को निभाने की मुख्य जिम्मेदार होती हैं।