एक देश, एक चुनाव पर इलेक्शन कमीशन ने क्यों मांगा साल भर का वक्त?

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नई दिल्ली/डेस्क: चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने कहा है कि ‘एक देश-एक चुनाव’ (One-Nation, One Election) को लागू करने से पहले उन्हें कम से कम एक साल का समय चाहिए ताकि वे ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) जैसी मशीनों की तैयारी कर सकें। इस विषय पर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में लॉ कमीशन (Law Commission) को दिए गए फीडबैक में स्पष्ट रूप से कहा है कि ‘एक देश-एक चुनाव’ की नई व्यवस्था को लागू करने से पहले सभी तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।

क्या है समस्या?

रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग (Election Commission) ने लॉ कमीशन को बताया कि दुनिया भर में सेमीकंडक्टर और चिप की कमी हो रही है, जो EVM (ईवीएम) और VVPAT (वीवीपैट) मशीनों के लिए महत्वपूर्ण है। कमीशन ने कहा कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कम से कम 4 लाख अतिरिक्त EVM मशीनों और VVPAT की आवश्यकता है, लेकिन सेमीकंडक्टर और चिप की कमी के कारण, इसकी निर्माण में दिक्कतें हो रही हैं। इसलिए, अगर लोकसभा चुनाव के साथ ही राज्यों के विधानसभा चुनाव भी होते हैं, तो और मशीनों की आवश्यकता होगी।

चुनाव आयोग (Election Commission of India) के अनुसार, EVM मशीनों और VVPAT के निर्माण को बढ़ाने और आवश्यकता को पूरा करने के लिए कम से कम एक साल का समय चाहिए. वर्तमान में इन मशीनों का निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ही कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पहले कोरोना महामारी और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सेमीकंडक्टर और चिप की आपूर्ति में कमी हो रही है, जिसके कारण पर्याप्त मशीनें तैयार नहीं हो पा रही हैं।

कितनी EVM की जरूरत पड़ेगी?

इसका मतलब है कि चुनाव कमीशन को EVMs और VVPATs की तैयारी में कई समस्याएं आ रही हैं क्योंकि सेमीकंडक्टरों की कमी के कारण काम में देरी हो रही है। इसके चलते, जो बजट चुनाव कमीशन को दिया गया था, उसका 80% अभी तक खर्च नहीं किया जा सका है। इस समस्या को पहले भी चुनाव कमीशन ने संसदीय समिति को दर्ज कराई थी।

चुनाव आयोग ने लॉ कमीशन (Law Commission) को बताया है कि अगर 2024 या 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ हों, तो कुल 53.76 लाख बैलट यूनिट की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही 38.67 लाख कंट्रोल यूनिट और 41.65 लाख वीवीपैट मशीनों की भी जरूरत होगी।

लेखक: करन शर्मा