युवाओं में क्यों बढ़ी हार्ट अटैक की बीमारी, 1 साल में कितने युवाओं की हुई मौत ?

Published

नई दिल्ली/डेस्क: हार्ट अटैक, पिछले कुछ सालों से भारत में यह शब्द काफी सुनने को मिल रहा है, हाल फिलहाल में हार्ट अटैक से जुड़ी घटनाओं को देखकर हर कोई यही सवाल कर रहा है. एक समय था जब हार्ट अटैक को बड़े-बूढ़ों की बीमारी माना जाता था, लेकिन आजकल 30-40 की उम्र वाले भी इसकी चपेट में आ रहे हैं.

पिछले कुछ सालों में कई नामी हस्तियों जैसे कि बिग बॉस के विनर सिद्धार्थ शुक्ला, प्लेबैक सिंगर केके या कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव की अचानक हुई, मौत ने लोगों को परेशान कर दिया है. लोगों के लिए यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि अपनी हेल्थ और फिटनेस को लेकर इतना एलर्ट रहने वाले इन सेलिब्रिटीज को भी हार्ट अटैक आ सकता है. क्योंकि पहले हार्ट अटैक से मौत अधिकतर बुज़ुगों की हुआ करती थी, लेकिन अब हार्ट अटैक से मौत किसी भी उम्र के इंसान की हो जाती है.

आज के दौर में तो कम उम्र के युवा हार्ट अटैक का शिकार हो रहे है, कभी कोई शादी में डांस करता हुआ गिर जाता है, तो कभी वर्कआउट करते हुए, तो कभी खुद ही खुद बात करते-करते ही हार्ट अटैक आ जाता है, Health Data Organisation की रिपोर्ट में लिखा गया है कि हर साल देश में 28 हज़ार से ज्यादा लोगों की मौत हार्ट अटैक से होती है. बात करें बीते 10 साल की, तो सिर्फ भारत में 2 लाख 40 हज़ार से ज्‍यादा लोगों की मौत हार्ट अटैक से हो चुकी है.

वहीं भारत में बीमारी से होने वाली मौतों में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक से है. भारत में हार्ट डिजीज से हाेने वाली मौतें पिछले तीन दशक में दोगुनी हो गई हैं, तीन दशक पहले लगभग 14-15% का कारण दिल की बीमारी थी, लेकिन जाे अब बढ़कर लगभग 25% को पार कर गई है. आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों को अचानक आए हार्ट अटैक के वीडियो वायरल होते रहते है. जिसमें सबसे ज्यादा हार्ट अटैक से होने वाली मौत में युवा शामिल है, तो आखिर भारत की यंग जनरेशन हार्ट अटैक की शिकार क्यों हो रही है? चलिए जान लेते है ?

हमारे देश में युवाओं के लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव से और डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और खराब कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियां बेहद तेजी से बढ़ रही हैं. ये बीमारियाँ हार्ट अटैक के खतरे को और बढ़ाती हैं और भी कई वजह है जैसे- रिलेशनशिप इश्यूज, पॉल्यूशन और गलत खानपान भी इसके लिए कुछ हद तक ज़िम्मेदार हैं. ऑफिस के काम को लेकर हद से ज्यादा स्ट्रेस, अपने डेली रूटीन का ख्याल ना रखना, बहुत कम सोना और जरूरत से ज्यादा शराब और सिगरेट पीने जैसी आदतें आपके दिल को बीमार करने की वजह बन जाती हैं, पिछले कुछ सालों में काम करने के तौर-तरीके बहुत ज्यादा बदल गए हैं. अधिकांश युवा ऐसी जॉब्स करते हैं जहाँ कम्पटीशन बहुत ज्यादा रहता है. हर महीने मिलने वाले टार्गेट, कई घंटों तक लगातार काम का बोझ और रोज-रोज मिलने वाले नए चैलेंज से वे हमेशा गुस्से और टेंशन में रहते हैं. जिस वजह से स्ट्रेस बढ़ जाता है और डॉक्टर्स का कहना है कि शरीर को हद से ज्यादा लोड देना भी जानलेवा हो सकता है.

हार्ट अटैक के लक्षणों को अक्सर लोग मामूली समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं, अगर आपके सीने में जलन और दर्द, सीने में दवाव महसूस होना, सांस लेने में दिक्कत होना, घबराहट महसूस होना, हाथ, कमर, जबड़े में दर्द होना, पेरों में सुजन आना, या एकदम से ज्यादा पसीना आना, और सांस फूलना एसे कई लक्षण हो सकते है, अगर आपको ये सब महसूस हो, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर का कहना है कि अगर 35 साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति या जिसे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल, बी.पी., डायबिटीज, मोटापा या दिल से जुडी कोई भी बीमारी हो, ऐसे व्यक्ति को समय से पहले जांच करा लेनी चाहिए.

लेखक: इमरान अंसारी