यूपी बीजेपी में क्यों जारी है अंदरूनी कलह ? 2017 के बाद कैसा रहा सियासी प्रभाव, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

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BJP Releases 12th list of Lok Sabha Election Candidates

UP News: लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही यूपी में बीजेपी के अंदर अंदरूनी कलह दिखाई पड़ रहा है। यूपी में इस बार बीजेपी को 80 में से मात्रा 32 सीटों पर ही जीत हासिल हुई थी। लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को सबसे ज्यादा उम्मीद उत्तर प्रदेश से ही थी लेकिन जब से नतीजा सामने आया है बीजेपी लगातार हार पर मंथन कर रही है यही कारण है कि बीजेपी के आलाकमान भी इस मुद्दे को लेकर चिंतित नज़र आ रहा है।

यूपी बीजेपी के अंदर आपसी तालमेल पर सवाल ?

यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार में प्रशासनिक दखल को लेकर बीजेपी के कई प्रदेश के नेता सवाल उठा रहें हैं। जब से लोकसभा चुनाव के नतीजे आये हैं तब से ही बीजेपी के विधायक और कई सीनियर नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। बीते दिनों ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक हुई थी जिसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या सहित सभी बड़े नेता मौजूद रहें।

2014 के बाद से यूपी में बीजेपी बढ़ा था कद

2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे अधिक सीटें यूपी से आई थी जहां 71 सीट हाथ लगी थी वही 2017 में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अप्रत्यासित जीत हासिल करते हुए 300 से अधिक सीटें जीतने में कामयाब हुई थी। लेकिन 2017 के बाद से बीजेपी का ग्राफ यूपी में फिर गिरने लगा, पहले 2019 लोकसभा चुनाव में सीटें घटकर 61 पर आ गई और फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी की 70 से अधिक सीटें काम हो गयी थी। अब फिर एक बार 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की आधी सीटें कम हो गई हैं यही कारण है कि अब सवाल पार्टी के अंदर से खड़े होने लगी है।

योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के बीच पहले रही है तल्खी

यूपी की राजनीति में योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के बीच तल्खी की खबरे आये दिन देखने को मिलती है। 2017 के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद केशव प्रसाद मौर्या का नाम मुख्यमंत्री के रेस में सबसे आगे था लेकिन बीजेपी आलाकमान ने योगी आदित्यनाथ का नाम आगे कर दिया था जिसके बाद से केशव प्रसाद मौर्या नाराज चल रहे थे लेकिन बाद में उनको प्रदेश का उपमुख्यमंत्री बना दिया गया था।

लेखक – आयुष राज