क्या गिरफ्तार होने के बाद जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल?

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नई दिल्ली/डेस्क: दिल्ली शराब घोटाला मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जांच शुरू कर दी है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या उनके सहयोगी, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की तरह उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है? यदि ऐसा होता है, तो दिल्ली की सरकार कैसे चल पाएगी? क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? चलिए इस मामले की सभी संभावनाओं को समझने की कोशिश करें।

दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने ईडी की हाल की कार्रवाइयों के बाद अपने विधायकों की बैठक बुलाई है और अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने रहने का आग्रह किया है, भले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। दिल्ली शराब कांड में पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, और विजय नायर को गिरफ्तार किया गया है।

क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है?

अब यह सवाल उठता है कि क्या किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है? भारतीय संविधान के अनुसार, देश में राष्ट्रपति और राज्यपाल ही ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें उनके कार्यकाल के दौरान दीवानी और आपराधिक कार्यवाही से छूट मिलती है। इसके विपरीत, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री को ऐसी छूट नहीं होती है।

संविधान के अनुच्छेद 361 में भी यह उल्लेखित है कि राष्ट्रपति और राज्यपाल अपने आधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन में किए गए किसी भी कार्यों के लिए किसी भी अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं होते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को यह कानूनी छूट हासिल नहीं है। यह संविधान उन्हें राष्ट्रपति और राज्यपाल के समकक्ष मानता है, जो कानून के समक्ष समानता के अधिकार की वकालत करता है।

इसमें ध्यान देने योग्य बात है कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के कार्यकाल के दौरान वह दोषी ठहराई जाने वाली पहली मुख्यमंत्री बनी थीं। इसी तरह चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार होने के बाद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि, इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कुर्सी राबड़ी देवी को सौंप दी थी और उन्हें राष्ट्रीय जनता दल के विधायक दल का नेता चुना गया।

क्या गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री जेल से सरकार चला सकते हैं?

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बारे में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि गिरफ्तार होने के बाद भी उन्हें इस्तीफा नहीं देने चाहिए और जेल से ही सरकार चलानी चाहिए। इस संदर्भ में, सवाल उठता है कि क्या गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा देने की जरूरत होती है? वास्तविकता में, मुख्यमंत्री को किसी मामले में दोषी ठहराने पर ही उसे पद से हटाया जा सकता है।

जयललिता के मामले में भी उन्हें आय से अधिक संपत्ति का दोषी पाया गया था, लेकिन वह तीन साल तक इस पद पर रहीं। इसका मतलब है कि अगर अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की कानूनी रूप से कोई रोक नहीं होगी, जब तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाता। हालांकि, इस प्रक्रिया में व्यावहारिक दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं।

लेखक: करन शर्मा