Wolves attack humans: यूपी के बहराइच में भेड़ियों का आतंक, जानें, कितने आदमखोर हो सकते हैं भेड़िये?

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Wolves attack humans: उत्तर प्रदेश के बहराइच में भेड़ियों के आतंक की खबरें ने आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल पैदा कर रखा है। भेड़ियों का आतंक इतना है कि अभीतक एक महिला सहित 09 मासूम बच्चों को अपना निवाला चुके हैं, जिससे लोगों में भेड़िये का खौफ बुरी तरह समाया हुआ है। वहीं, नरभक्षी भेड़ियों को पकड़ने के लिये 5 जिलों का वन महकमा, लगा हुआ है,साथ ही जिला स्तर के 11 अफसरों की टीम के साथ ही तकरीबन 200 कर्मचारियों को गांव की रखवाली के लिए लगाया गया है।

बावजूद इसके भेड़िये लोगों की जान लेने में कामयाब हो जा रहे हैं। जबकि, ड्रोन कैमरों के जरिए भी महसी इलाके में मंडरा रहे कई भेड़ियों को ट्रैप किया जा चुका है, जिनकी लोकेशन को रेस्क्यू टीम द्वारा लगातार लोकेट किया जा रहा है।

वहीं, लोग रात को इकट्ठा होकर गांव का पहरा दे रहे हैं। इसके साथ ही हाथी के गोबर को भी जलाया जा रहा है। ताकि भेड़ियों को लगे कि आस पास कोई बड़ा जानवर है। लेकिन इसके बाद भी भेड़िये अपना आतंक जमाए हुए हैं। और लोगों को डर के साए में जीना पड़ रहा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या भेड़िए वाकई आदमखोर हो सकते हैं? भेड़ियों पर दुनियाभर में किए गए अध्ययन और रिपोर्ट्स से इस सवाल का जवाब खोजा जा सकता है।

भेड़ियों का स्वभाव कैसे होता है, जानें…

इंटरनेशनल वूल्फ सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, भेड़ियों द्वारा इंसानों पर हमला करने का जोखिम ज्यादा नहीं है। अगर देखें तो शून्य से ऊपर है, लेकिन बहुत ही कम है। 2002 से 2020 के बीच दुनिया भर में हुए 26 घातक हमलों में से 14 रेबीज़ (पागलपन) के कारण हुए थे। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि भेड़िये कभी-कभी बच्चों पर हमला कर सकते हैं और यदि उनके मुंह को एक बार खून लग गया, तो वे आदमखोर बन सकते हैं।

भेड़िये कैसे बनते हैं आदमखोर?

नॉर्वेजियन इंस्टीट्यूट फॉर नेचर रिसर्च द्वारा 2002 से 2020 तक किए गए एक अध्ययन के अनुसार, भेड़ियों द्वारा किए गए अधिकांश घातक हमले रेबीज से ग्रस्त भेड़ियों द्वारा किए गए थे। हालांकि, यदि भेड़िए मानव बस्तियों के करीब रहते हैं, तो उनके आदमखोर होने की संभावना बढ़ जाती है। खासकर जब लोग उन्हें भोजन देकर आकर्षित करते हैं।

1996 में भी दिखा था भेड़ियों का आतंक

वहीं, अगर भारत में भेड़ियों के आदमखोर होने और हमलों की बात करें, तो भारत में भेड़ियों के हमले का इतिहास रहा है, खासकर उत्तर प्रदेश में जहां 1996 में भेड़ियों ने पांच महीनों में 33 बच्चों को मार डाला था। वाइल्डलाइफ विशेषज्ञों का मानना है कि मैदानों पर रहने वाले भेड़िये कुत्तों की तरह दिखते हैं, लेकिन अगर वे एक बार इंसानी खून का स्वाद चख लें, तो वे आदमखोर बन सकते हैं।

कैसा होता है भेड़ियों का सामाजिक जीवन?

विशेषज्ञों की मानें, तो भेड़िये झुंड में रहते हैं और एक सामाजिक जानवर होते हैं। कई मामले में ऐसा देखा गया है कि वे अकेले शिकार नहीं करते हैं, वे हमेसा झुंड में शिकार करते हैं। भारतीय भेड़ियों का झुंड नवजात शावकों की देखभाल करता है। भेड़ियों के अंदर एक खास बात ये है कि वे 2 साल की उम्र तक प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हैं। भारतीय भेड़ियों की उम्र 5 से 13 वर्ष तक होती है और उनका वजन करीब 25 किलो तक हो सकता है।