13 साल की लड़की के रेप आरोपी को बॉम्बे हाई कोर्ट की महिला जज ने दी जमानत

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मुंबई उच्च न्यायालय

नई दिल्ली/डेस्क: महाराष्ट्र के एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने एक 13 वर्षीय बच्ची से रेप के आरोपी को जमानत दे दी है, जिससे एक विवाद उत्पन्न हो रहा है। इस मामले में हाईकोर्ट जस्टिस ने यह तर्क दिया है कि आरोपी और पीड़िता के बीच रेप नहीं, बल्कि प्रेम संबंध थे, जिसे आकर्षण की भाषा में व्याख्या की गई है। न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फाल्के ने कहा है कि लड़की ने अपने बयान में स्वेच्छा से अपना घर छोड़ दिया था और उसने आरोपी के साथ प्रेम संबंध स्थापित किए थे। इस पर हुए विवाद में कई लोग सवाल उठा रहे हैं, और इस मामले की गंभीरता पर चर्चा हो रही है। आरोपी ने तीन साल तक जेल में बिताए हैं, और अब उसे जमानत दे दी गई है।

क्या है पूरा मामला?

इस मामले में, महाराष्ट्र के अंजनगांव सुरजी पुलिस ने नवंबर 2020 में एक 13 वर्षीय बच्ची के लापता होने की सूचना प्राप्त की थी। पुलिस ने लड़की को ट्रैक करते हुए उसे एक 26 साल के युवक, नितिन दामोदर धबेराव के साथ पाया था। लड़की ने बताया कि वह नितिन से प्यार करती है और उसके साथ रहना चाहती है। हालांकि, लड़की की आयु सिर्फ 13 साल थी, इसलिए पुलिस ने नितिन को गिरफ्तार किया और लड़की को परिवार के पास सौंपा।

इस मामले में, पीड़िता के पिता ने नितिन के खिलाफ आईपीसी की धारा 363, 376, 376(2)(एन), 376(3), पॉस्को अधिनियम की धारा 34 और धारा 4, 6, 17 के तहत मामला दर्ज करवाया। नितिन को गिरफ्तार किया गया और उसके खिलाफ आरोप पत्र 26 अक्टूबर, 2020 को दाखिल किया गया।

लड़की ने अपने बयान में कहा कि उसके और नितिन के बीच रोमांटिक संबंध थे, और उसने उसे शादी का वादा करके नहीं बहकाया था। अदालत ने कहा कि मुकदमे में कोई प्रगति नहीं हुई है और 13 वर्षीय लड़की की सहमति मायने नहीं रखती है। अदालत ने निष्कर्ष निकाला कि घटना जबरनी बलात्कार की बजाय दोनों युवाओं के बीच सहमति के संबंध का परिणाम है।

लेखक: करन शर्मा