World AIDS Day 2023: विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर को मनाया जाता है, इस बार क्या होगी थीम? जानिए इतिहास…

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नई दिल्ली: हर साल 1 दिसंबर को दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) मनाया जाता है। दुनिया भर में लोग एचआईवी से पीड़ित और प्रभावित लोगों के प्रति समर्थन दिखाने और एड्स से अपनी जान गंवाने वाले लोगों को याद करने के लिए एकजुट होते हैं।

यह दिन जागरूकता बढ़ाने और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफीसिअन्सी सिंड्रोम (AIDS) के वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर के लोगों को एकजुट करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के लोगों को एचआईवी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने, एचआईवी से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन दिखाने और एड्स से संबंधित बीमारी से मरने वालों को याद करने का अवसर प्रदान करता है।

WHO के अनुसार, बता दें कि हर साल की ही तरह इस साल भी 1 दिसंबर को WHO समुदायों और साझेदारों के साथ मिलकर विश्व एड्स दिवस 2023 मनाएगा। इस बार की थीम “समुदायों को नेतृत्व करने दें” (Let communities lead) होगी।

वर्ल्ड एड्स दिवस का इतिहास

विश्व एड्स दिवस पहली बार अगस्त 1988 में जेम्स डब्ल्यू बून और थॉमस नेट्टर द्वारा नामित किया गया था, ताकि उस महामारी पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सके, जिसने इतने सारे लोगों की जान ले ली थी। जेम्स डब्ल्यू बून और थॉमस नेट्टर दोनों विश्व स्वास्थ्य संगठन के एड्स वैश्विक कार्यक्रम के लिए सार्वजनिक सूचना अधिकारी थे।

1988 में, जब पहला विश्व एड्स दिवस मनाया गया था, तो अनुमान लगाया गया था कि 90,000 से 150,000 व्यक्ति एचआईवी पॉजिटिव थे, जो एड्स का कारण बनता है। उन्होंने इस दिन को मनाने का विचार एड्स वैश्विक कार्यक्रम के निदेशक डॉ. जॉनाथन मान को बताया, जिन्होंने इसे 1 दिसंबर के लिए मंजूरी दे दी। 1990 के दशक से, अनुसंधान और चिकित्सा पद्धतियों ने एचआईवी से पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए महत्वपूर्ण सुधार किया है।