World Breastfeeding Week 2023: क्यों जरूरी है विश्व स्तनपान सप्ताह,भारत में क्यों पड़ रही है इसकी जरूरत, जानिए कब से कब तक मनाया जाता है

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नई दिल्ली: दुनिया में जब भी किसी जीव की उत्तपत्ति होती है तो मां के द्वारा होती है। फिर चाहे वह मानव हो या धरती पर रहने वाला कोई अन्य प्राणी, जब तक वह शैशवावस्था में होता है सभी का पेट एक मां भी भरती है। मनुष्य ही नहीं जानवरों से लेकर कुछ पक्षी भी स्तनधारी होते हैं। जो अपने बच्चों को स्तनपान कराते हैं और ये स्तानपान (Breastfeeding) प्रकृति को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होता है।

लेकिन मनुष्य संसार की इस चकाचौंध में खोकर प्रकृति से खिलवाड़ कर बैठा है। यही कारण है कि कुछ मां अपने बच्चों को इसलिए अपना दूध नहीं पिला रही हैं कि कहीं उनकी सुंदरता खत्म न हो जाए। लेकिन उन्हें ये नहीं पता है कि वो ऐसा करके प्रकृति के नियमों का उल्लंघन कर रही हैं।

इसके चलते ही अगस्त 1990 में सरकारी लेजिस्लेटिव ऑफिसर, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ एवं अन्य स्वास्थ्य सेवा संगठनों द्वारा स्तनपान की सुरक्षा, प्रचार, और समर्थन के लिए इस मसौदा पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति प्रदान की गई।

1 से 7 अगस्त तक मनाया जाता है स्तनपान सप्ताह

जिसके बाद से ही 01 अगस्त से 07 अगस्त तक प्रत्येक वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इस सप्ताह की घोषणा की मुख्य वजह स्तनपान प्रवृत्ति को बढ़ावा देना और दुनिया भर के बच्चों की सेहत को बेहतर बनाना है। यही वजह है कि स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। यहां हम इस दिवस की महत्ता, इतिहास एवं स्तनपान के कुछ आवश्यक पहलुओं पर बात करेंगे…

क्या है इतिहास?

साल 1991 में स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्ट फीडिंग एक्शन यानी (WABA) का गठन किया गया था। शुरूआत में इसे साल में एक ही दिन मनाया जाता था।

लेकिन यह मुद्दा चूंकि आम जनजीवन और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ था, इसलिए इसकी उपयोगिता और जरूरत को देखते हुए, इसकी अवधि को एक दिन से बढ़ाकर एक सप्ताह कर दिया और इसे विश्व स्तनपान सप्ताह यानी (World Breast feeding Week) नाम दिया गया।

1992 में पहली बार विश्व स्तनपान सप्ताह का आयोजन किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य था ब्रेस्टफीडिंग को बढ़ावा देना और दुनिया भर के बच्चों की सेहत को बेहतर बनाना। आज सौ से अधिक देश इस साप्ताहिक आयोजन से जुड़ चुके हैं।

कैसे मनाया जाता है विश्व स्तनपान सप्ताह?

वैसे तो हर देश की सरकार ने इसका जिम्मा उठा रखा है, लेकिन जब तक जनता सरकार का साथ नहीं देगी, तब तक सरकार भी इस लड़ाई को जीत नहीं सकती है। सबसे पहले हमें यह जानने की जरूरत होती है कि स्तनपान कैसे बच्चों के विकास में मददगार है।

अगर आप इस बात को भलीभांति समझ चुके हैं तो आपका दायित्व बनता है कि आप दूसरों को भी इसके लाभ के बारे में बताएं। आप इसका प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से भी कर सकती हैं। आप इस बात की चर्चा कर सकती हैं कि स्तनपान से सिर्फ बच्चों को ही लाभ नहीं होता है साथ ही मां को भी लाभ होता है।

कुछ महिलाएं इस गलतफहमी के चलते नहीं कराती स्तनपान

साथ ही एक माँ का जीवन जीते हुए आपके लिए स्तनपान कैसा रहा? इससे आपने क्या सीखा? इस तरह की बातें आप सोशल मीडिया पर शेयर कर सकती हैं। क्योंकि कुछ महिलाओं ने अपने दिमांग में यह गलतफहमी पाल रखी है कि स्तानपान कराने से हमारे शरीर पर इसका बुरा प्रभाव पढ़ सकता है, जोकि एक मिथ्य है और कुछ नहीं।

इस बारे में कई विशेषज्ञयों का मानना है कि स्तनपान से आपके शरीर पर कोई प्रभाव नहीं पढ़ता है। सरकार भी कई स्तरों पर स्तनपान सप्ताह को बढ़ावा दे रही है और लोगों तक इसके लाभ और इसके प्रभावों के बारे में लोगों से सीधे संवाद करती है।

स्तनपान के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • यह बच्चे की नींद के पैटर्न को प्रभावित करता है।
  • माँ का दूध बच्चों को सोने के लिए प्रेरित करता है।
  • माँ के दूध में हार्मोन होते हैं।
  • माँ के दूध में प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटोसिन होता है।
  • माँ के दूध से कई बीमारियों का जोखिम कम होता है।
  • मान्यता है कि स्तनपान कराने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर की संभावना कम होती है।
  • शिशु मृत्यु सिंड्रोम का खतरा कम होता है।