नई दिल्ली/डेस्क: यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज का निर्माण कार्य 15 दिसंबर को शुरू हो जाएगा. इसकी जानकारी यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा 15 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा पहुंचेंगे और इस कार्य का शुभारंभ करेंगे. उन्होंने बताया कि करीब 18 महीने के भीतर इंटरचेंज बनकर तैयार हो जाएगा.
यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने की मांग काफी लंबे समय से हो रही थी. 2018 में इसको बनाने वाली कम्पनी का भी चयन हो गया था. लेकिन किसानों की मांग के चलते यह काम रुक गया, लेकिन अब किसानों की मांग को पूरा कर दिया गया है. जिसके बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के जगनपुर अफजलपुर के पास यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए इंटरचेंज बनने वाला है. इसके निर्माण पर करीब 123 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
अरुणवीर सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से प्रभावित करीब 100 किसानों को मुआवजा दिया जाना है. मुआवजा वितरण शुरू हो गया है. अब तक 23 किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है. किसानों को मुआवजा देने के बाद करीब 99 हेक्टेयर जमीन मिल जाएगी. इसमें से करीब 14 हेक्टेयर जमीन इंटरचेंज में इस्तेमाल होगी, जबकि इंटरचेंज के निर्माण में करीब 54 हेक्टेयर जमीन लगेगी. इंटरचेंज के लिए बाकी जमीन प्राधिकरण के पास मौजूद है.
इस इंटरचेंज के बनने से लोगों को काफी सहूलियत होगी. इस इंटरचेंज से लखनऊ, कानपुर , आगरा, मथुरा और वृंदावन की ओर से आने वाले वाहन ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़कर हरियाणा के पलवल, कोंडली, सोनीपत, पानीपत , फरीदाबाद और जयपुर की ओर आसानी से आ जा सकेंगे.
लेखक: इमरान अंसारी