विधानसभा चुनावों में पवन कल्याण को नहीं हरा पाए YSRCP नेता मुद्रगदा पद्मनाभ, नाम बदलकर बने ‘पद्मनाभ रेड्डी’

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आंध्र प्रदेश: हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पीठापुरम क्षेत्र से जनसेना प्रमुख पवन कल्याण की विजय के बाद, वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता मुद्रगदा पद्मनाभम ने अपनी प्रतिज्ञा को निभाते हुए अपना नाम बदल लिया है। चुनावों से पहले पद्मनाभ ने दावा किया था कि वह पवन कल्याण को हराकर रहेंगे, लेकिन परिणाम उनके अनुकूल नहीं रहा। इस पर उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘पद्मनाभ रेड्डी’ कर लिया है।

मैंने अपनी इच्छा से बदला नाम- पद्मनाभ

सत्तर वर्षीय पद्मनाभ रेड्डी ने नाम परिवर्तन के बाद मीडिया से कहा, “किसी ने मुझे अपना नाम बदलने के लिए मजबूर नहीं किया। मैंने इसे अपनी इच्छा से बदला है।” उन्होंने यह भी बताया कि जनसेना प्रमुख के प्रशंसकों और अनुयायियों द्वारा उन्हें लगातार अपशब्द और धमकी भरे संदेश भेजे जा रहे थे, जिससे वह परेशान हो गए थे।

पद्मनाभ रेड्डी ने कहा, “जो युवा पवन कल्याण से प्यार करते हैं, वे लगातार अपशब्दों वाले संदेश भेज रहे हैं। मेरे विचार से यह सही नहीं है। गाली देने के बजाय, एक काम करें। हमें (परिवार के सभी सदस्यों को) खत्म कर दें।” उन्होंने यह बात अपने काकीनाडा जिले के किरलमपुडी स्थित आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कही।

5 जून को कर दी थी नाम बदलने की घोषणा

कापू समुदाय के प्रमुख नेता और पूर्व मंत्री पद्मनाभ रेड्डी कापू आरक्षण के लिए भी अभियान चला चुके हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले ही वह वाईएसआरसीपी में शामिल हुए थे। उन्होंने चुनावी नतीजे स्वीकार करते हुए 5 जून को मीडिया से कहा, “मैं अपनी हार स्वीकार कर रहा हूं। मैं भाजपा-टीडीपी-जेएसपी गठबंधन को बधाई देता हूं। मैंने आधिकारिक प्रक्रिया के अनुसार अपने नाम में ‘रेड्डी’ जोड़ने का फैसला किया है। प्रक्रिया चल रही है और आधिकारिक रूप से हो जाने के बाद इसे अपडेट कर दिया जाएगा।”

मुद्रगदा पद्मनाभम ने अपनी प्रतिज्ञा को पूरा कर दिखाया, लेकिन इस घटना ने उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच कई तरह की प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर दी हैं। यह नाम परिवर्तन उनकी हार की स्वीकारोक्ति के साथ-साथ उनके दृढ़ संकल्प का भी प्रतीक है।